जो लोग अपनी आजीविका के लिए खुद का उद्यम चलाते हैं, वे स्वरोजगार की श्रेणी में आते हैं। भारत में लगभग 52 प्रतिशत कार्यबल इसी श्रेणी में आता है। इसके बाद अनौपचारिक मजदूरों का स्थान है, जो भारत के कुल कार्यबल का 30 प्रतिशत हैं। नियमित वेतनभोगी कर्मचारी मात्र 18 प्रतिशत कार्यबल का हिस्सा हैं।
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