भारतीय संविधान के अनुसार, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा अनुमोदित ऑडिट रिपोर्ट राष्ट्रपति या राज्यों के राज्यपालों को सौंपी जाती है, ताकि इसे संसद या राज्य विधानमंडलों के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके। लोक लेखा समिति (PAC) इन ऑडिट रिपोर्टों की जांच करती है। CAG PAC के लिए "मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक" की भूमिका निभाता है।
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