पंजाब भारत का पहला राज्य बना है जिसने किशोर न्याय (JJ) अधिनियम, 2015 के तहत सांकेतिक भाषा दुभाषियों, अनुवादकों और विशेष शिक्षकों को पैनल में शामिल किया है। इसका उद्देश्य सुनने और बोलने में अक्षम बच्चों को न्याय तक बेहतर पहुंच दिलाना है। इन विशेषज्ञों को हर जिले में तैनात किया जाएगा और कानूनी प्रावधानों के अनुसार पारिश्रमिक मिलेगा। यह पहल POCSO अधिनियम, 2012 के अनुरूप है।
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