अंबिका चरण मजूमदार
लखनऊ समझौता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच हुआ एक समझौता था। इसे लखनऊ में 29 और 31 दिसंबर 1916 को दोनों संगठनों के वार्षिक अधिवेशनों में मंजूरी दी गई। इस समझौते के कारण सरोजिनी नायडू ने जिन्ना को "हिंदू-मुस्लिम एकता के राजदूत" की उपाधि दी। इस अधिवेशन की अध्यक्षता अंबिका चरण मजूमदार ने की थी और यह कांग्रेस द्वारा मुस्लिमों के लिए अलग निर्वाचक मंडल की स्वीकृति के लिए जाना जाता है।
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