यह असम का एक लोक नाटक है, खासकर माजुली द्वीप का। इसका उद्देश्य मनोरंजन और खेल के माध्यम से लोगों तक धार्मिक और नैतिक संदेश पहुंचाना है। इसमें अंकीय नाट और वैष्णव थीम को दर्शाया जाता है। सूत्रधार नाटक का वर्णन करते हैं और पवित्र श्लोक गाते हैं। इसमें ग्रंथ, गीत और संगीत भी शामिल होते हैं। इस लोक नाटक की रचना 16वीं शताब्दी की शुरुआत में शंकरदेव ने की थी।
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