लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय थे। 1857 के विद्रोह के बाद 1858 में वायसराय की उपाधि बनाई गई। 1858 से पहले ईस्ट इंडिया कंपनी भारत के बड़े हिस्से पर शासन कर रही थी और उसका प्रशासनिक प्रमुख गवर्नर-जनरल कहलाता था। यह पद 1773 में स्थापित हुआ था। गवर्नर-जनरल को भारत के ब्रिटिश प्रांतों (पंजाब, बंगाल, बॉम्बे, मद्रास, यूनाइटेड प्रोविंसेस आदि) पर प्रशासनिक नियंत्रण प्राप्त था। 1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से प्रशासन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। गवर्नर-जनरल को ब्रिटिश सम्राट का प्रतिनिधि दर्शाने के लिए उसे वायसराय की उपाधि दी गई। यह उपाधि 1858 से 1947 तक बनी रही। लॉर्ड कैनिंग 1856 से 1858 तक भारत के गवर्नर-जनरल और 1858 से 1862 तक भारत के वायसराय थे।
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