ब्राउन रिंग टेस्ट नाइट्रेट आयन की पहचान के लिए किया जाने वाला एक सामान्य गुणात्मक परीक्षण है। इसमें नाइट्रेट वाले घोल में आयरन(II) सल्फेट मिलाया जाता है, फिर उसमें धीरे-धीरे सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड डाला जाता है ताकि एसिड घोल की निचली परत में रहे। इन दोनों परतों के बीच एक भूरी रिंग बनती है, जो नाइट्रेट आयन की उपस्थिति को दर्शाती है। इस प्रक्रिया में आयरन(II) द्वारा नाइट्रेट आयन का अपचयन होता है और आयरन(III) बनता है। साथ ही नाइट्रिक ऑक्साइड से NO⁺ बनने पर नाइट्रोसोनियम यौगिक बनता है।
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