Q. बौद्ध ग्रंथों में वर्णित निम्नलिखित में से कौन सा अप्रचलित आचार्य परमाणुवादी था और हिंदू वैशेषिक संप्रदाय का पूर्ववर्ती माना जाता है? Answer:
पकुध कात्यायन
Notes:
पुराण कश्यप एक 'नैतिकताविहीन' आचार्य थे, जो मानते थे कि सदाचरण का व्यक्ति के कर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
मखलि गोशाल (गोशाल मस्करीपुत्र) आजीविक संप्रदाय के नेता थे, जो अपने संस्थापक की मृत्यु के बाद लगभग 2000 वर्षों तक अस्तित्व में रहा। वे पुराण कश्यप की इस धारणा से सहमत थे कि अच्छे कर्मों का पुनर्जन्म पर प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि यह एक निश्चित नियम के अनुसार चलता है, जिसे उन्होंने नियति (भाग्य) कहा।
अजीत केशकंबलिन भौतिकवादी थे।
पकुध कात्यायन परमाणुवादी थे और हिंदू वैशेषिक संप्रदाय के पूर्ववर्ती माने जाते हैं। उन्होंने अपने सिद्धांत संभवतः यूनानी दार्शनिक डेमोक्रिटस से एक सदी या अधिक पहले प्रस्तुत किए, जिन्होंने शाश्वत परमाणुओं का समान सिद्धांत विकसित किया।
निगंठ नाथपुत्र (निर्ग्रंथ ज्ञातपुत्र) कोई और नहीं बल्कि वर्धमान महावीर थे, जो जैन संप्रदाय के नेता थे।
संजय बलथिपुत्र संशयवादी थे, जो निश्चित ज्ञान की संभावना को पूरी तरह नकारते थे।