बिजली और चुंबकत्व के बीच संबंध की खोज 1819 में प्रसिद्ध डेनिश रसायनज्ञ और भौतिकविद हैंस क्रिश्चियन ओर्स्टेड ने की थी। ओर्स्टेड की खोज के लगभग 10 साल बाद माइकल फैराडे ने इसका उल्टा सिद्ध किया कि बदलता हुआ चुंबकीय क्षेत्र विद्युत धारा उत्पन्न करता है। उन्होंने बदलते चुंबकीय क्षेत्र से विद्युत धारा उत्पन्न की जिसे विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहा जाता है। फैराडे के कार्य के बाद जेम्स क्लर्क मैक्सवेल ने समीकरण विकसित किए और बिजली व चुंबकत्व को औपचारिक रूप से एकीकृत किया। इसलिए, बिजली और चुंबकत्व के बीच संबंध को स्पष्ट रूप से स्थापित करने का श्रेय मैक्सवेल को जाता है।
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