बर्लिन कमेटी, जिसे 1915 के बाद भारतीय स्वतंत्रता समिति के नाम से जाना गया, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1914 में जर्मनी में भारतीय छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा बनाई गई थी। इसका उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता के आंदोलन को बढ़ावा देना था।
इस कमेटी की स्थापना सीआर पिल्लई और वीएन चटर्जी ने की थी। इसके सदस्य यूरोप में पढ़ने वाले छात्र और इंडिया हाउस के सदस्य थे। इनमें अभिनाश भट्टाचार्य, पी पिल्लई, अब्दुल हफीज, एआर पिल्लई, एमपीटी आचार्य और गोपाल परांजपे शामिल थे। जर्मन सरकार ने इनका समर्थन किया था। इनका क्रांतिकारी जतिन मुखर्जी (बाघा जतिन) से भी संपर्क था।
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