आरी की बुरादा ऊष्मा का कुचालक होता है।
बर्फ के पिघलने और पानी में बदलने के लिए उसे ऊष्मा ऊर्जा अवशोषित करनी पड़ती है, जिसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं। आरी की बुरादा ऊष्मा का कुचालक होता है और इसमें हवा भरी होती है, जिससे बर्फ को आवश्यक ऊष्मा ऊर्जा अवशोषित करने में अधिक समय लगता है। इससे बर्फ लंबे समय तक ठोस अवस्था में बनी रहती है।
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