हसन निज़ामी 12वीं और 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के सुल्तान कुतुब उद्दीन ऐबक के दरबार में प्रसिद्ध फारसी कवि और इतिहासकार थे। उनकी प्रमुख रचना "ताज-उल-मआसिर" दिल्ली सल्तनत का पहला आधिकारिक इतिहास थी। निज़ामी अपने क्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता के कारण निशापुर से दिल्ली आ गए थे। उनकी बौद्धिक क्षमता और उत्कृष्ट साहित्यिक शैली के कारण उन्हें सुल्तान के दरबार में विशेष सम्मान मिला। उनका कार्य दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक इतिहास के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है।
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