उत्तर और पूर्वोत्तर
एक नए अध्ययन ने यह समझने में मदद की है कि पोप्स पिट वाइपर (ट्राइमेरिसुरस पोपियोरम) सांप की प्रजाति का विष कैसे काम करता है। इससे विष की विषाक्तता को समझने और बेहतर एंटीवेनम विकास में मदद मिलती है। यह शोध फार्मास्यूटिकल प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है और 2030 तक भारत का सांप काटने से होने वाली मौतों को 50% तक कम करने का लक्ष्य भी समर्थन करता है। यह सांप भारत, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस और मलेशिया में विशेष रूप से उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में पाया जाता है। यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय गीले पर्वतीय वन, बांस के जंगल, झाड़ियाँ और दलदल में रहता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के अनुसार इसकी स्थिति 'कम चिंता' की है।
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