सेंटर फॉर अर्थ साइंसेज एंड हिमालयन स्टडीज़ (CESHS) ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के दिरांग में पूर्वोत्तर भारत का पहला जियोथर्मल उत्पादन कुआं खोदा है। यह कदम हिमालयी क्षेत्र में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। जियोथर्मल ऊर्जा पृथ्वी के भीतर से निकलने वाली गर्मी होती है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन या सीधे ताप देने के लिए किया जाता है। CESHS ने यह सफलता पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश के गर्म जलस्रोतों पर दो वर्षों तक किए गए भौगोलिक और रासायनिक सर्वेक्षणों के बाद हासिल की। CESHS के भूविज्ञान विभाग के प्रमुख रुपांकर राजखोवा ने इस ड्रिलिंग परियोजना की सफलता की पुष्टि की है। यह पहल जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने और दूरदराज़ क्षेत्रों में हरित विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
This Question is Also Available in:
Englishमराठीಕನ್ನಡ