पट्टचित्र चित्रकला की उत्पत्ति और विकास भारत के पूर्वी राज्यों ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हुआ है। यह कपड़े पर बनाई जाने वाली स्क्रॉल पेंटिंग है। पट्टचित्र ओडिशा की सबसे पुरानी और लोकप्रिय कला शैलियों में से एक है। इसका नाम संस्कृत शब्दों 'पट्ट' (जिसका अर्थ कैनवास या कपड़ा है) और 'चित्र' (जिसका अर्थ चित्र है) से लिया गया है। यह कैनवास पर बनाई जाने वाली चित्रकला है जिसमें समृद्ध रंगों का उपयोग, रचनात्मक आकृतियाँ और डिजाइन शामिल होते हैं। इसमें सरल विषयों को दर्शाया जाता है जो मुख्य रूप से पौराणिक कथाओं पर आधारित होते हैं। ये चित्र विशेष रूप से हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़े होते हैं और जगन्नाथ तथा वैष्णव संप्रदाय से प्रेरित होते हैं।
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