राजकोषीय अर्थशास्त्र
'न्यूनतम सामाजिक लाभ' का सिद्धांत सार्वजनिक वित्त का एक मूलभूत सिद्धांत है, जिसे ब्रिटिश अर्थशास्त्री ह्यूग डाल्टन ने प्रस्तुत किया था। इसका उद्देश्य राज्य की सभी वित्तीय गतिविधियों को अधिकतम सामाजिक लाभ की ओर केंद्रित करना है। यह सार्वजनिक वित्त के दोनों पहलुओं को ध्यान में रखता है, जिसमें सरकार का राजस्व यानी कराधान और सरकारी व्यय शामिल हैं। यह सरकार के कराधान और व्यय से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करता है और राजकोषीय अर्थशास्त्र के अंतर्गत आता है।
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