नौटंकी नृत्य छंद, दोहे, हरि गीति, कव्वाली और ग़ज़ल आदि के माध्यम से किया जाता है। इसमें गायन, अभिनय और नृत्य जैसी कई विधाएँ शामिल होती हैं। यह एक बहुत ही रोचक नृत्य है। उत्तर प्रदेश में प्रचलित यह लोकनृत्य प्राचीन काल से प्रसिद्ध है। इसमें हास्य रस, वीर रस जैसे कई रस होते हैं। नौटंकी में प्रस्तुत कहानी किसी के जीवन पर भी आधारित हो सकती है। इसकी अवधि बहुत कम होती है और इसमें गायन व नृत्य शामिल होते हैं। नौटंकी में कई वाद्य नृत्य भी उपयोग किए जाते हैं।
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