कवि रवींद्रनाथ टैगोर को 1913 में उनकी काव्य संकलन "गीतांजलि" के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, जो उसी वर्ष लंदन में प्रकाशित हुआ था। यह सम्मान किसी भारतीय को पहली बार मिला, जिससे इसकी महत्ता और बढ़ गई। इस पुरस्कार ने टैगोर की साहित्यिक प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। उन्हें उनकी कोमल, नवीन और सुंदर कविताओं के लिए सराहा गया, जिनमें उन्होंने अपनी काव्यात्मक सोच को अंग्रेजी में व्यक्त किया और पश्चिमी साहित्य का हिस्सा बने।
This Question is Also Available in:
English