सरदार पटेल पूरी तरह से कैबिनेट मिशन योजना के पक्ष में थे। सरदार वल्लभभाई पटेल एक वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रभावशाली राजनीतिक नेता थे। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने 500 से अधिक रियासतों के भारतीय संघ में विलय में अहम भूमिका निभाई। वे भारत के पहले उप प्रधानमंत्री बने।
कैबिनेट मिशन योजना 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन और वायसराय लॉर्ड वेवेल द्वारा जारी एक घोषणा थी, जिसमें भारत के संवैधानिक भविष्य से जुड़ी योजनाएँ थीं। यह भारतीय राजनीतिक दलों और प्रतिनिधियों के बीच सहमति न बनने के कारण प्रस्तुत की गई थी।
कैबिनेट मिशन भारत में ब्रिटिश सरकार से भारतीय नेतृत्व को सत्ता हस्तांतरण पर चर्चा करने आया था, जिसका उद्देश्य भारत की एकता बनाए रखना और उसे स्वतंत्रता दिलाना था।
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