दक्षिण भारत में वर्षभर वर्षा अनियमित और मौसमी होती है, इसलिए यहां टैंक सिंचाई का उपयोग लंबे समय से जल संग्रहण की प्रभावी तकनीक के रूप में किया जाता है। इसे फसल सिंचाई, भूजल पुनर्भरण, घरेलू उपयोग और पशुओं के पानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तमिलनाडु और कर्नाटक में सिंचित कृषि भूमि का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा टैंक सिंचाई के अंतर्गत आता है। अकेले तमिलनाडु में लगभग 39,000 विभिन्न आकार के सिंचाई टैंक मौजूद हैं।
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