सविनय अवज्ञा आंदोलन
सविनय अवज्ञा आंदोलन मार्च 1930 में नमक कानून तोड़ने के साथ शुरू हुआ था। इसे नमक सत्याग्रह या दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक समूह साबरमती आश्रम से दांडी नामक तटीय कस्बे तक गया। यह यात्रा 24 दिनों में 240 मील पूरी हुई। गांधीजी ने समुद्र के पानी से नमक बनाकर नमक कानून का उल्लंघन किया और 4 मई को गिरफ्तार कर लिए गए।
1882 के नमक क़ानून के तहत भारतीयों को नमक इकट्ठा करने या बेचने से रोका गया था। ब्रिटिश सरकार ने भारी नमक कर लगाया और नमक के उत्पादन व बिक्री पर एकाधिकार कर लिया। गांधीजी का यह आंदोलन दमनकारी नमक कर के खिलाफ विरोध का प्रतीक था।
यह आंदोलन 7 अप्रैल 1934 को समाप्त हुआ।
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