संविधान (94वां) संशोधन अधिनियम, 2006 ने बिहार को जनजातीय कल्याण मंत्री रखने की अनिवार्यता से मुक्त किया और यही प्रावधान झारखंड व छत्तीसगढ़ पर भी लागू किया। अनुच्छेद 164 के अनुसार अब यह प्रावधान झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा में लागू है। संविधान के मौजूदा अनुच्छेद 164 के अनुसार इन राज्यों में एक मंत्री होगा जो जनजातीय कल्याण का प्रभारी होगा और साथ ही अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या अन्य किसी कार्य का भी दायित्व संभाल सकता है।
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