कानपुर में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व नाना साहब (जो बाजीराव द्वितीय, अंतिम पेशवा के दत्तक पुत्र थे), तात्या टोपे और अज़ीमुल्ला खान ने किया। उन्होंने सिपाहियों की मदद से ब्रिटिशों को कानपुर से बाहर कर दिया। लेकिन जल्द ही ब्रिटिश कमांडर सर कॉलिन कैंपबेल ने कानपुर पर दोबारा कब्जा कर लिया और विद्रोह दबा दिया। नाना साहब नेपाल चले गए।
This Question is Also Available in:
English