अलाउद्दीन खिलजी पूर्ण रूप से सैन्यवादी और साम्राज्यवादी था। वह अत्यंत महत्वाकांक्षी था। उसका मूल नाम अली गुर्शप था। उसने खुद को सिकंदर-ए-सानी (द्वितीय सिकंदर) घोषित किया और दिल्ली को दार-उल-खिलाफा (खिलाफत की राजधानी) घोषित किया।
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