हर्षचरित, बाणभट्ट द्वारा लिखित भारतीय सम्राट हर्ष की जीवनी है। पुष्यभूति वंश, जिसे पुष्पभूति वंश या वर्धन वंश भी कहा जाता है, ने 6वीं और 7वीं शताब्दी के दौरान उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों पर शासन किया। हर्षचरित में 'पुष्यभूति' को वर्धन वंश का संस्थापक बताया गया है।
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