उत्तर-पश्चिम भारत में निम्न वायुदाब की उपस्थिति
भारत में वर्षा ऋतु मध्य जून से सितंबर के अंत तक रहती है। इस दौरान भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचंड गर्मी के कारण उत्तर-पश्चिमी मैदानों में निम्न वायुदाब क्षेत्र बनता है। यह इतना प्रभावी होता है कि भारतीय महासागर से नमी युक्त पवनों को आकर्षित करता है। इस कारण दक्षिणी गोलार्ध से आने वाली दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें भारत की ओर खिंची चली आती हैं। भूमध्य रेखा पार करने पर ये दाईं ओर मुड़ जाती हैं और भारतीय उपमहाद्वीप में दक्षिण-पश्चिमी मानसूनी पवनों के रूप में प्रवाहित होती हैं।
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