कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती के शिष्य कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी का इल्तुतमिश ने दिल्ली में स्वागत किया था। उन्होंने शेख़ उल इस्लाम का पद ठुकरा दिया, जिससे उनकी आध्यात्मिक निष्ठा झलकती है। काकी ने भारत में चिश्ती परंपरा के प्रसार में अहम योगदान दिया और उनकी दरगाह महरौली में आज भी एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
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