गिरीश चंद्र घोष बागबाजार एमेच्योर थिएटर के प्रमुख अभिनेता थे, जहां उन्होंने अपने समय के प्रसिद्ध अभिनेता अर्धेंदु मुस्तफी के साथ काम किया। वे दीनबंधु मित्र द्वारा लिखित नाटक "सधबार एकादशी" में अपने शानदार अभिनय के लिए प्रसिद्ध हुए। बाद में 1871 में बागबाजार एमेच्योर थिएटर का नाम बदलकर नेशनल थिएटर रखा गया। हालांकि, 1873 में गिरीश चंद्र घोष ने नेशनल थिएटर छोड़कर ग्रेट नेशनल थिएटर की स्थापना की।
अपने करियर के दौरान उन्होंने नाटक "नीलदर्पण" को दिल्ली और लखनऊ सहित उत्तर भारत के कई शहरों में मंचित किया। इस नाटक में ब्रिटिश अत्याचारों को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया था और इसमें जोशीले भाषण शामिल थे, जिसके कारण इसे सेंसरशिप के चलते प्रतिबंधित कर दिया गया।
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