पुराण, इतिहास वर्ग के ही ग्रंथ हैं। इनमें पाँच लक्षण (पंच-लक्षण) होते हैं, जिनमें इतिहास, ब्रह्मांड विज्ञान (दर्शन के सिद्धांतों के प्रतीकात्मक उदाहरणों सहित), गौण सृष्टि, राजाओं की वंशावली और मन्वंतर शामिल हैं। सभी पुराण सुहृत-संहिताओं की श्रेणी में आते हैं।
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