नालायिर दिव्य प्रबंधम 12 आळवार संतों द्वारा गाए गए 4000 तमिल छंदों का संकलन है, जिसे 9वीं से 10वीं शताब्दी के दौरान नाथमुनि ने संकलित किया था। यह नारायण (विष्णु) और उनके विभिन्न रूपों की स्तुति में गाया गया, जिसे आळवारों ने दिव्य देशम नामक पवित्र स्थलों पर प्रस्तुत किया। इसे तमिल वेद कहा गया और इसे चारों वेदों के समान महत्वपूर्ण माना गया।
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