Q. दी गई जानकारी की मदद से मृदा के प्रकार की पहचान करें:
  1. यह मृदा क्रिस्टलीय और रूपांतरित चट्टानों के अपक्षय से बनती है और गर्म, समशीतोष्ण व आर्द्र जलवायु में विकसित होती है।
  2. यह मोटे कणों वाली, छिद्रयुक्त होती है, जिसमें ह्यूमस की कमी होती है और जल धारण क्षमता कम होती है।
  3. यह मृदा आमतौर पर उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहां अधिक वर्षा के कारण घुलनशील खनिज मिट्�
    Answer: लेटराइट मिट्टी
    Notes:
    1. यह मृदा क्रिस्टलीय और रूपांतरित चट्टानों से गर्म, समशीतोष्ण व आर्द्र जलवायु में बनती है, जो उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की ओर संकेत करती है, जहां आमतौर पर लेटराइट मिट्टी पाई जाती है।
    2. यह मोटे कणों वाली, छिद्रयुक्त होती है, जिसमें ह्यूमस की कमी होती है और जल धारण क्षमता कम होती है। ये सभी गुण लेटराइट मिट्टी से मेल खाते हैं।
    3. अधिक वर्षा के कारण मिट्टी से घुलनशील खनिज बाहर निकल जाते हैं। यह लेटराइट मिट्टी बनने की प्रमुख प्रक्रिया है।
    इन मुख्य विशेषताओं को देखते हुए - विशेष रूप से क्रिस्टलीय चट्टानों से निर्माण, उष्णकटिबंधीय/उपोष्णकटिबंधीय जलवायु, मोटे कण, छिद्रयुक्त बनावट और अधिक लीचिंग - यह मृदा लेटराइट मिट्टी से सर्वाधिक मेल खाती है।

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