फिरोज शाह तुगलक (1351–88) वह पहला सुल्तान था जिसने परंपरा तोड़ते हुए ब्राह्मणों पर भी जज़िया कर लगाया। उसने अस्पताल, मदरसे और सार्वजनिक निर्माण कार्य शुरू किए लेकिन उसके शासन में धार्मिक असहिष्णुता भी बढ़ी। उसने कई प्राचीन ग्रंथों का फारसी में अनुवाद करवाया और दीवान-ए-खैरात तथा दीवान-ए-बंदगान जैसे प्रशासनिक सुधार लागू किए। उसका शासन कल्याण और कट्टरता दोनों का मिश्रण था।
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