दस्कठिया ओडिशा का एक प्रसिद्ध लोक नाटक है। इसमें दो कथावाचक होते हैं - गायक, जो मुख्य गायक होता है, और पलिया, जो कथा सुनाने का कार्य करता है। कथा के दौरान लकड़ी के वाद्य यंत्र 'कठिया' से संगीत प्रस्तुत किया जाता है, जो नाटक को नाटकीय प्रभाव देता है। इसमें भगवान शिव की आराधना की जाती है, जो संपूर्ण रूप से प्रकट होते हैं। इसलिए उनकी उपस्थिति के वस्त्र शिव, रुद्र, महादेव, शंकर और प्रभानाथ जैसे स्वरूपों की भव्यता को दर्शाते हैं। इसके अलावा, विष्णु, कृष्ण, गणेश, दुर्गा और काली जैसे देवताओं की महिमा का भी गुणगान किया जाता है। दस्कठिया के प्रदर्शन में स्वाभाविक कलात्मकता होती है।
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