संवैधानिक उपचार का अधिकार
संविधान सभा की प्रारूपण समिति के अध्यक्ष डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने मौलिक अधिकारों में संवैधानिक उपचार के अधिकार को भारतीय संविधान का हृदय और आत्मा कहा था। यह अधिकार नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों के हनन की स्थिति में न्यायालय जाने का अधिकार देता है। न्यायालय विभिन्न प्रकार की रिट जारी कर सकते हैं, जिनमें बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेधाज्ञा, अधिकार पृच्छा और उत्प्रेषण शामिल हैं।
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