चित्तागोंग शस्त्रागार हमले का नेतृत्व सूर्य सेन ने किया था, जिन्हें मास्टरदा के नाम से जाना जाता है। 18 अप्रैल 1930 को सशस्त्र क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत में चित्तागोंग शस्त्रागार से पुलिस और सहायक बलों के शस्त्रागार पर कब्जा करने का प्रयास किया था।
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