फरवरी 1919 में गांधीजी ने रॉलेट एक्ट के विरोध में सत्याग्रह सभा की स्थापना की। इसके सदस्य अधिनियम का उल्लंघन कर गिरफ्तारी देने की शपथ लेते थे। यह आंदोलन सरकार के साथ असहयोग, विदेशी कपड़ों और स्कूलों के बहिष्कार पर आधारित था। राष्ट्रवादियों के लिए यही राजनीतिक संघर्ष के प्रमुख रूप थे।
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