हिंदू समाज में विभाजन
अगस्त 1932 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने 'कम्युनल अवॉर्ड' की घोषणा की। इसके तहत मुसलमानों, सिखों, भारतीय ईसाइयों, एंग्लो-इंडियनों, यूरोपियनों और दलितों के लिए अलग प्रतिनिधित्व की व्यवस्था की गई। दलित वर्गों को विशेष निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाने के लिए कुछ सीटें दी गईं, जिनमें केवल दलित मतदाता ही वोट डाल सकते थे। गांधीजी ने इसका कड़ा विरोध किया क्योंकि यह हिंदू समाज को विभाजित कर सकता था। उन्होंने इस अवॉर्ड के विरोध में 20 सितंबर 1932 से अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया।
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