स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत गाज़ियाबाद ने भारत का पहला प्रमाणित ग्रीन म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी किया, जिससे एक तृतीयक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) के लिए ₹150 करोड़ जुटाए गए। यह बॉन्ड सतत शहरी बुनियादी ढांचे और वित्तीय नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है। तृतीयक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अपशिष्ट जल के उपचार के लिए माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) जैसी उन्नत मेम्ब्रेन फिल्ट्रेशन तकनीकों का उपयोग करता है। संयंत्र की उपचार क्षमता 40 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) है और यह 95 किमी पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ा है। यह 1,400 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को उपचारित जल की आपूर्ति करता है, जिससे ताजे जल स्रोतों पर निर्भरता कम होती है।
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