द्रव्यमान संरक्षण का नियम
द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहता है कि किसी पृथक प्रणाली का द्रव्यमान समय के साथ स्थिर रहता है। प्रणाली के अंदर होने वाली प्रक्रियाओं से यह बदल नहीं सकता। यह सिद्धांत ऊर्जा संरक्षण के समान है। जब किसी प्रणाली में ऊर्जा या द्रव्यमान संलग्न होता है और बाहर से कोई हस्तक्षेप नहीं होता, तो इसकी मात्रा समय के साथ नहीं बदलती। यह नियम बताता है कि द्रव्यमान को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता, लेकिन इसे स्थान में पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है और विभिन्न प्रकार व श्रेणियों के कणों में बदला जा सकता है।
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