कोडाली करुप्पुर सिल्क साड़ी तमिलनाडु के कुम्भकोणम के पास करुप्पुर गांव से जुड़ी है। इसे कभी तंजावुर के मराठा राजाओं द्वारा पसंद किया जाता था। ये साड़ियां हाथ से बुनी जाती थीं, जिनमें हैंड पेंटिंग, ब्लॉक प्रिंटिंग और ब्रोकेड बुनाई का मिश्रण होता था। 19वीं सदी तक ये काफी लोकप्रिय थीं। इस साड़ी को GI टैग नहीं मिला है।
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