"कॉस्मिक किरणें" शब्द 1912 में ऑस्ट्रियाई भौतिकविद विक्टर फ्रांसिस हेस ने गढ़ा था। हेस को 1936 में कॉस्मिक किरणों की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
कॉस्मिक किरणें उच्च-ऊर्जा कण होते हैं जो अंतरिक्ष से यात्रा करते हुए पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुंचते हैं। माना जाता है कि ये प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और परमाणु नाभिक से मिलकर बने होते हैं और इनकी ऊर्जा पृथ्वी पर मौजूद कण त्वरकों से उत्पन्न कणों की तुलना में लाखों या अरबों गुना अधिक हो सकती है।
हेस ने उच्च ऊंचाई पर गुब्बारे उड़ाकर विभिन्न ऊंचाइयों पर विकिरण स्तर मापने के प्रयोग किए। उन्होंने पाया कि ऊंचाई बढ़ने पर विकिरण स्तर भी बढ़ता है, जिससे उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि यह विकिरण पृथ्वी की सतह से नहीं बल्कि अंतरिक्ष से आ रहा है। उन्होंने इन उच्च-ऊर्जा कणों को "कॉस्मिक किरणें" नाम दिया क्योंकि ये ब्रह्मांड से आते प्रतीत हो रहे थे।
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