कुंभ मेला हर 12 वर्षों में आयोजित होता है। इसकी तिथियां सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की ज्योतिषीय स्थितियों के आधार पर तय की जाती हैं। नासिक और उज्जैन में जब यह मेला सिंह राशि में होता है तो इसे सिंहस्थ कुंभ कहा जाता है। हरिद्वार और प्रयागराज में हर 6वें वर्ष अर्ध-कुंभ मेला आयोजित होता है। कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करते हैं। यह मेला चार प्रमुख हिंदू तीर्थस्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक-त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन में आयोजित होता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत उत्पन्न हुआ और उसे एक कुंभ में संग्रहित किया गया। देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष के दौरान भगवान विष्णु अमृत कलश लेकर जा रहे थे, तब अमृत की कुछ बूंदें कुंभ स्थलों पर गिर गईं।
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