IIT मद्रास ने 410 मीटर लंबा हाइपरलूप परीक्षण ट्रैक पूरा किया है, जो भारत की आधुनिक परिवहन तकनीक के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हाइपरलूप की अवधारणा, जिसे 2012 में एलोन मस्क ने पेश किया था, में ट्रेनें घर्षणरहित और निर्वात-सील्ड वातावरण में चलती हैं। यह परियोजना IIT मद्रास की अविष्कार हाइपरलूप टीम द्वारा विकसित की गई है, जिसमें 76 छात्र शामिल हैं और स्टार्टअप TuTr के साथ मिलकर काम किया गया है। हाइपरलूप ट्रेनें 1100 किमी प्रति घंटा की गति तक पहुंच सकती हैं, जबकि परिचालन गति लगभग 360 किमी प्रति घंटा होती है, जो तेजी और ऊर्जा-कुशल यात्रा सुनिश्चित करती है। योजनाओं में पहले चरण में 11.5 किमी परीक्षण ट्रैक और दूसरे चरण में इसे 100 किमी तक विस्तारित करना शामिल है। मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना यात्रा समय को 25 मिनट तक कम करने का लक्ष्य रखती है।
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