चौथा बौद्ध संगीति 72 ईस्वी में कुंडलवन, कश्मीर में कुषाण राजा कनिष्क के संरक्षण में आयोजित किया गया था। इस संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र थे और अश्वघोष उनके उपाध्यक्ष थे। इस संगीति में बौद्ध धर्म को स्पष्ट रूप से महायान और हीनयान दो संप्रदायों में विभाजित किया गया। हीनयान बौद्ध धर्म का पुराना संप्रदाय था जिसकी नींव स्वयं बुद्ध ने रखी थी और नया संप्रदाय महायान बौद्ध धर्म के नाम से जाना जाने लगा।
This Question is Also Available in:
English