चीन ने भारतीय सीमा के पास विश्व के सबसे बड़े जलविद्युत बांध के निर्माण की मंजूरी दी है, जिससे भारत और बांग्लादेश में चिंताएं बढ़ गई हैं। यह बांध हिमालय की एक घाटी में बनाया जाएगा, जहां यारलुंग जांगबो नदी (ब्रह्मपुत्र) अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश में बहने से पहले अचानक मुड़ती है। इस परियोजना की लागत 1 ट्रिलियन युआन (137 बिलियन डॉलर) से अधिक है और यह सालाना 300 बिलियन kWh से अधिक बिजली उत्पन्न करेगी, जो थ्री गॉर्जेस बांध की 88.2 बिलियन kWh क्षमता को पार कर जाएगी। यह चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना और 2035 के लिए दीर्घकालिक लक्ष्यों का हिस्सा है। यह स्थल एक विवर्तनिक प्लेट सीमा पर स्थित है, जिससे यहां भूकंप का बड़ा खतरा है।
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