मैसूर चित्रकला दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध शास्त्रीय चित्रकला शैली है, जिसकी उत्पत्ति कर्नाटक के मैसूर शहर में हुई थी। यह चित्रकला अपनी सुंदरता, हल्के रंगों और बारीक विवरण के लिए जानी जाती है।
मैसूर चित्रकला बनाने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है। सबसे पहले आधार पर चित्र का प्रारंभिक रेखाचित्र बनाया जाता है। आधार के रूप में लकड़ी पर चिपकाया गया कार्ट्रिज पेपर उपयोग किया जाता है। जिंक ऑक्साइड और अरबी गोंद से बना पेस्ट "गेसो पेस्ट" कहलाता है। पतले ब्रश की सहायता से गहनों, सिंहासन या मेहराब के उभरे हुए हिस्सों को उकेरने जैसा प्रभाव देने के लिए चित्रित किया जाता है। इसे सूखने दिया जाता है और फिर इस पर पतली स्वर्ण पन्नी चिपकाई जाती है। शेष चित्र जलरंगों से बनाया जाता है, जिसमें केवल हल्के रंगों का उपयोग किया जाता है।
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