हड़प्पा सभ्यता में बड़े पैमाने पर कांस्य ढलाई की जाती थी। कांस्य मूर्तियाँ लॉस्ट वैक्स तकनीक से बनाई जाती थीं। इस तकनीक में पहले मोम की मूर्ति बनाकर उस पर गीली मिट्टी की परत चढ़ाई जाती थी और सूखने दिया जाता था। फिर इन मूर्तियों को गर्म किया जाता था, जिससे अंदर की मोम पिघल जाती थी। इसके बाद मोम को एक छोटे छेद से बाहर निकालकर उस खाली साँचे में पिघला हुआ धातु डाला जाता था। धातु ठंडा होने के बाद मिट्टी की परत हटाई जाती थी और मोम की आकृति के समान धातु की मूर्ति तैयार हो जाती थी।
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