ओट्टमथुल्लल एकल नृत्य और काव्य पाठ का संयोजन है। 18वीं शताब्दी में प्रसिद्ध मलयालम कवि कुंचन नाम्बियार ने इसकी शुरुआत की थी। केरल की शास्त्रीय प्रदर्शन कलाओं में थुल्लल अपनी सरल प्रस्तुति, हास्य और व्यंग्य के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। कलक्कथु कुंचन नाम्बियार एक प्रारंभिक मलयालम कवि, कलाकार और व्यंग्यकार थे, जिन्होंने ओट्टमथुल्लल नामक इस स्थानीय कला रूप को विकसित किया।
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