ओजापाली असम के सबसे विशिष्ट लोक नृत्यों में से एक है जो राज्य की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। असमिया संस्कृति विभिन्न जनजातियों, जातियों, धर्मों और भाषाओं की लोक परंपराओं से समृद्ध है। इन्हीं पारंपरिक संस्कृतियों में ओजापाली सबसे प्राचीन प्रदर्शन कलाओं में से एक है। इसमें महाकाव्यों और पौराणिक कथाओं की कहानियां प्रस्तुत की जाती हैं। यह देवी मनसा की उपासना से जुड़ा हुआ है। इसकी कथा तीन भागों में विभाजित होती है - देव खंड, बनिया खंड और भटियाली खंड। इस नृत्य में 'हस्त', 'गति', 'भ्रमरी', 'उत्पलवन' और 'आसन' जैसे भारतीय शास्त्रीय नृत्य के कई तत्व स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
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