फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यवस्किला के वैज्ञानिकों ने हाल ही में सबसे भारी प्रोटॉन उत्सर्जक समस्थानिक 188At (एस्टाटिन) का अर्ध-आयु सफलतापूर्वक मापी। एस्टाटिन एक दुर्लभ और अत्यधिक रेडियोधर्मी तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 85 है और यह हैलोजन समूह में आता है। इसके सभी समस्थानिक अस्थिर होते हैं और इसका जीवनकाल बहुत कम होता है।
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